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वन्यजीवों की करें सुरक्षा-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने विश्व वन्यजीव के अवसर पर कहा कि दुनियाभर में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा जीवों की प्रजातियां खतरे में हैं। समय रहते इस ओर ध्यान न दिया गया तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि दुनियाभर में जिस भी कारणों से वन्यजीव और वनस्पतियों लुप्त हो रही हैं उन्हें बचाने के तरीकों पर काम करना। पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वनस्पतियां और जीव-जंतु बहुत जरूरी हैं। लेकिन पर्यावरण के असंतुलन और तरह-तरह के एक्सरपेरिमेंट्स के कुछ सारे जीव और वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में है।
सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉक्टर एच सी राजेंद्र कुमार जैन, आलोक गुप्ता एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लगभग 8000 से अधिक प्रजातियाँ लुप्तप्राय हैं और 30,000 से अधिक प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। अवैध वन्यजीव व्यापार के कारण पौधों और जंगली जानवरों की आबादी को भी नुकसान पहुँच रहा है तथा लुप्तप्राय प्रजातियों को विलुप्त होने की ओर धकेल रहा है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ